Baba Siddique Biography in Hindi

बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी, जिन्हें परिचय में बाबा सिद्दीकी के नाम से जाना जाता है, महाराष्ट्र की राजनीति में एक जाना-माना चेहरा थे। तीन बार विधायक रह चुके ये नेता महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री रहे और बॉलीवुड से उनके घने संबंध थे। अचानक अक्टूबर 2024 में उनकी हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।


प्रारंभिक जीवन और परिवार

बाबा सिद्दीकी का जन्म 13 सितंबर 1958–59 को पटना (बिहार) में हुआ था। उनका परिवार गोपालगंज से था, लेकिन उनका जीवन ज्यादातर मुंबई में गुजरता रहा। उनके पिता का नाम अब्दुल रहीम सिद्दीकी और माता का नाम रज़िया सिद्दीकी था ।

उनकी शादी अलका बिंद्रा नामक हिन्दू लड़की से हुई थी, जिन्होंने बाद में इस्लाम धर्म स्वीकार कर अपना नाम शहज़ीन सिद्दीकी रखा। उनका एक बेटा, जीशान सिद्दीकी, और एक बेटी, डॉ. अर्शिया सिद्दीकी, हैं—जहाँ अर्शिया डॉक्टर हैं, वहीं जीशान राजनीति में सक्रिय हैं ।


शिक्षा और राजनीतिक आरंभ

बाबा सिद्दीकी ने अपनी शिक्षा मुंबई के M.M.K. College से विक्रय (कॉमर्स) स्नातक स्तर तक पूरी की । उन्होंने 1977 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI से राजनीति में कदम रखा, और 1980 में बांद्रा युवा कांग्रेस के महासचिव, फिर अध्यक्ष बने। 1988 में उन्होंने मुंबई युवा कांग्रेस की अध्यक्षता संभाली ।


राजनीतिक यात्रा और उपलब्धियाँ

उन्होंने 1993–2003 के बीच मुंबई नगर निगम (BMC) से पार्षद के रूप में राजनीति की शुरुआत की। फिर 1999, 2004 और 2009 में मुंबई के बांद्रा (पश्चिम) विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। वर्ष 2000–2004 के बीच उन्हें MHADA (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी) मुंबई बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2004–2008 में उन्होंने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और उपभोक्ता संरक्षण विभागों में राज्य मंत्री का पद संभाला ।


बॉलीवुड संबंध और सामाजिक भूमिका

बाबा सिद्दीकी बॉलीवुड सितारों के करीबी मित्र माने जाते थे। वे अपने भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए मशहूर थे, जहाँ सलमान ख़ान, शाहरुख़ ख़ान, आमिर ख़ान सहित अन्य सितारे शामिल होते थे। उन्होंने 2013 में सलमान और शाहरुख़ की लंबी खींची चली आ रही दुश्मनी को सुलझाने में मध्यस्थता की, जिससे दोनों को एक-दूसरे को गले लगाने का मौका मिला— यह घटना बेहद यादगार रही ।

महामारी के समय उन्होंने मुंबई के स्लम इलाकों में स्वास्थ्य और दवाओं के वितरण में सक्रिय भूमिका निभाई ।


कांग्रेस से एनसीपी में संक्रमण

लगभग पांच दशक तक कांग्रेस से जुड़ाव रखने वाले बाबा सिद्दीकी ने 08 फरवरी 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ दी और 12 फरवरी 2024 को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए । उनके पुत्र जीशान भी कांग्रेस से एनसीपी में आए और मुंबई विधानसभा से विधायक हैं ।


दुखद अंत — हत्या

12 अक्टूबर 2024 की शाम, बाबासिद्दीकी पर बांद्रा (पूर्व) में उनके बेटे के कार्यालय के बाहर अज्ञात हमलावरों ने फायरिंग की। उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी मौत हो गई । पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जबकि तीसरे की तलाश जारी रही ।

इस हमले के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ होने का अनुमान लगाया गया। उनका निशाना संभवतः बॉलीवुड से जुड़ा था, विशेष रूप से सलमान ख़ान से संबंधित गहरे पुराने विवादों के कारण।


निधन के बाद समाज में प्रतिक्रिया

उनकी हत्या ने राजनीति और बॉलीवुड दोनों ही क्षेत्रों में शोक की लहर फैला दी। कई राजनीतिक नेता और अभिनेता अस्पताल पहुँचे। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस घटना की कड़ी निंदा की और आरोपियों को सबक सिखाने का आश्वासन दिया।


निष्कर्ष

बाबा सिद्दीकी की कहानी एक साधारण कारोबारी परिवार से निकलकर मंडल मंत्री बनने और बॉलीवुड से घनिष्ठ सम्बन्ध बनाने तक की है। उन्होंने समाज सेवा, राजनीतिक योगदान और फिल्म जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। बदकिस्मती से उनका जीवन हिंसा की एक त्रासदी में समाप्त हो गया, लेकिन उनका प्रभाव और सहयोग आज भी लोगों की यादों में जीवित है।

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