Manu Bhaker Biography in Hindi

भारत की नई पीढ़ी की खेल प्रतिभाओं में मनु भाकर का नाम सबसे ऊपर लिया जाता है। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही शूटिंग खेल में अपना परचम लहराया और भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया। मनु भाकर अपनी मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के दम पर लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।


प्रारंभिक जीवन

मनु भाकर का जन्म 18 फरवरी 2002 को हरियाणा के झज्जर जिले के गोरिया गांव में हुआ। उनके पिता रामकिशन भाकर भारतीय नौसेना (Merchant Navy) में चीफ इंजीनियर रहे हैं और उनकी माता का नाम सुमन भाकर है।

बचपन से ही मनु खेलों की ओर आकर्षित थीं। वे हमेशा कुछ नया करने की कोशिश करती थीं। उनके पिता ने उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किया और यही कारण है कि मनु ने अलग-अलग खेलों में हाथ आज़माया।


शिक्षा

मनु भाकर ने अपनी स्कूली शिक्षा यूनिवर्सल पब्लिक स्कूल, गढ़ी हांसी (हरियाणा) से पूरी की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें खेलों में भी गहरी रुचि रही।


खेल करियर की शुरुआत

मनु भाकर का शुरुआती झुकाव बॉक्सिंग, थाई बॉक्सिंग, आइस स्केटिंग और मार्शल आर्ट्स की ओर था। उन्होंने आइस स्केटिंग में राष्ट्रीय स्तर पर मेडल भी जीते। लेकिन बाद में उन्होंने शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

सिर्फ 14 साल की उम्र में ही उन्होंने शूटिंग शुरू की और बहुत जल्द ही इस खेल में महारत हासिल कर ली।


शूटिंग करियर

मनु भाकर ने मात्र कुछ ही वर्षों में भारतीय शूटिंग में अपनी पहचान बना ली।

  • 2017 में नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में मनु ने 9 गोल्ड मेडल जीतकर सबको चौंका दिया।
  • 2018 ISSF वर्ल्ड कप, मेक्सिको में उन्होंने सिर्फ 16 साल की उम्र में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया।
  • वे उस समय भारत की सबसे कम उम्र की शूटर बनीं जिन्होंने वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता।
  • इसी टूर्नामेंट में उन्होंने मिश्रित टीम इवेंट में भी गोल्ड मेडल जीता।

कॉमनवेल्थ गेम्स 2018

ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में मनु भाकर ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया।


एशियन गेम्स और अन्य उपलब्धियां

  • 2018 एशियन गेम्स में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में नया रिकॉर्ड बनाया और फाइनल में जगह बनाई।
  • युवा ओलंपिक 2018, अर्जेंटीना में उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में गोल्ड मेडल जीता। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वे पहली भारतीय महिला शूटर बनीं।
  • ISSF वर्ल्ड कप 2019 और 2021 में भी उन्होंने कई गोल्ड और सिल्वर मेडल जीते।

ओलंपिक 2020 (टोक्यो)

मनु भाकर से टोक्यो ओलंपिक 2020 में पदक की बड़ी उम्मीदें थीं। हालांकि तकनीकी समस्याओं और दबाव के कारण वे पदक नहीं जीत पाईं। बावजूद इसके उनकी मेहनत और प्रतिभा की सबने सराहना की।


पुरस्कार और सम्मान

मनु भाकर की उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें कई सम्मान मिले:

  • राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (2019)
  • हरियाणा सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) द्वारा सम्मानित
  • कई खेल पुरस्कार और नकद इनाम

व्यक्तिगत जीवन

मनु भाकर बेहद सरल और मेहनती स्वभाव की खिलाड़ी हैं। वे हमेशा अपने खेल पर फोकस करती हैं और भारत के लिए अधिक से अधिक मेडल जीतने का लक्ष्य रखती हैं। उनकी प्रेरणा उनके पिता रहे हैं, जिन्होंने हमेशा उन्हें समर्थन दिया।


मनु भाकर की प्रेरणादायक सोच

मनु का मानना है कि “खेल में सफलता के लिए आत्मविश्वास और अनुशासन सबसे जरूरी है।” वे हमेशा युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।


निष्कर्ष

मनु भाकर ने यह साबित कर दिया है कि उम्र सफलता के रास्ते में कभी बाधा नहीं बनती। छोटी सी उम्र में उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बड़ी प्रेरणा है। वे भारत की उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनसे भविष्य में ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद की जाती है।

मनु भाकर सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि भारतीय युवाओं की उम्मीद और साहस की प्रतीक हैं।

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